दुनिया अभी डेल्टा जैसे कोरोना वायरस से लड़ ही रही थी कि दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुए इस ओमिक्रॉन नाम के संकट ने पूरी दुनिया को नई मुसीबत में फंसा दिया है. कैसे ताजा हालात से निपटा जाए. कोशिश है कि कोरोना के नए रूप की देश में एंट्री ना होने पाए. वहीँ अफ्रीकी देश नाइजीरिया से लौटे भाई-बहन के ओमिक्रॉन पॉजिटिव होने का डर बना है | इंदौर में 10 दिन में 9 बच्चे पॉजिटिव मिले हैं। सभी एसिम्प्टोमैटिक हैं और 3 को ठीक होने पर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया। इससे कुछ राहत मिली थी, लेकिन नाइजीरिया से लौटे 8 और 14 साल के भाई-बहन के संक्रमित मिलने पर डर बढ़ गया है। नाइजीरिया अफ्रीकन कंट्री है जो कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की हाई रिस्क कंट्री में शामिल है। यहां कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन फैल चुका है। संक्रमित मिले दोनों भाई-बहन में ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए सैम्पल टेस्ट के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल, दिल्ली भेजे गए हैं। 15 दिन में रिपोर्ट आ जाती है, लेकिन इन दिनों रिपोर्ट आने में देरी हो रही है।
इंदौर में संक्रमित मिले 9 में 7 बच्चों की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री सामने आई है। सातों के पहले पेरेंट्स संक्रमित आए, इसके बाद टेस्ट में बच्चे भी पॉजिटिव मिले। जबकि, दोनों भाई-बहन की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री का पता नहीं चल सका है। भाई-बहन मां के साथ पिता से मिलने नाइजीरिया गए थे। मां की रिपोर्ट निगेटिव आई है।मेडिकल एक्सपर्ट भी मानते हैं कि अभी बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में खुद बच्चों, उनके परिजन और स्कूल मैनेजमेंट को कड़ी एहतियात बरतनी होगी। बच्चों को लेकर अब चिंता इसलिए भी हो गई है, क्योंकि अब स्कूल 50 फीसदी क्षमता के साथ शुरू हो चुके हैं। इंदौर में कुछ स्कूल्स के बारे में शिकायतें मिली थी कि वे इससे ज्यादा क्षमता के साथ संचालित हो रहे हैं। इस बीच 6 दिसम्बर को कलेक्टर मनीष सिंह ने इसके लिए सभी एसडीएम की जवाबदेही तय की और निर्देश दिए कि जिन भी स्कूलों में 50 फीसदी आदेश का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। हालांकि इस बीच संक्रमित बच्चों की संख्या बढ़ते देख स्कूल भी सचेत हो गए तो कई पेरेंट्स ने छोटे बच्चों की फिर से ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी।