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Monday, 16 August 2021

लाल किले से पीएम मोदी का संबोधन, 100 लाख करोड़ की योजना का एलान

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नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशवासियों को संबोधित करते हुए यह बताया कि आजादी के इस 75वें वर्ष से लेकर 100वें वर्ष तक देश की यात्रा किस तरह की होगी। इसमें उन्होंने बड़ा एलान यह किया कि सरकार की प्रमुख योजनाओं को शत-प्रतिशत तरीके से लागू किया जाएगा। पीएम मोदी ने 88 मिनट के अपने संबोधन में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद किया और हाल ही में ओलंपिक में देश का नाम ऊंचाकर लौटे एथलीट्स के लिए तालियां बजवाईं।

 प्रधानमंत्री मोदी बड़े मौकों पर अक्सर पहले गृह मंत्री सरदार पटेल को याद करते रहते हैं, लेकिन इस बार स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए उन्होंने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, भगत सिंह के साथ-साथ पंडित नेहरू को भी याद किया। उन्होंने कहा, 'आजादी को जनआंदोलन बनाने वाले पूज्य बापू हों या सब कुछ न्योछावर करने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस। भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बिस्मिल और अश्फाक उल्लाह खान हों, रानी लक्ष्मीबाई हों या असम में मातंगिनी हाजरा का पराक्रम हो, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरूजी हों, देश को एकजुट करने वाले सरदार पटेल हों, भारत की दिशा और रास्ता तय करने वाले बाबा आंबेडकर हों, देश आज हर व्यक्तित्व को याद कर रहा है। देश सभी महापुरुषों का कर्जदार है।'

 प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज इस आयोजन में ओलंपिक में भारत का नाम रोशन करने वाले हमारे एथलीट्स हमारे बीच में हैं। कुछ यहां हैं, कुछ सामने बैठे हैं। मैं आज देशवासियों से कहता हूं कि हमारे खिलाड़ियों के सम्मान में कुछ पल तालियां बजाकर उनका सम्मान करें। भारत को गौरव दिलाने वाले युवाओं का सम्मान करें। करोड़ों देशवासी आज तालियों की गड़गड़ाहट के साथ युवाओं का सम्मान कर रहे हैं। एथलीट्स ने विशेष तौर पर युवाओं को प्रेरित करने का काम किया है।'

प्रधानमंत्री ने विभाजन की त्रासदी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। आजादी के बाद इन लोगों को बहुत ही जल्द भुला दिया गया। कल ही भारत ने एक भावुक निर्णय लिया कि अब से हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा। जो लोग विभाजन के दौरान अमानवीय व्यवहार से गुजरे, जिन्होंने अत्याचार सहे, जिन्हें सम्मान के साथ अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हुआ, उन लोगों का हमारी स्मृतियों में जीवित रहना जरूरी है।'

2019 में सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। इस बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, 'जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब जमीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है। लद्दाख में नई सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी बन रही है। लद्दाख आधुनिक बुनियादी संरचना का निर्माण होते हुए देख रहा है।'

किसानों के लिए नया नारा: प्रधानमंत्री ने कहा, 'छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, डेढ़ गुना एमएसपी, किसान उत्पादक संगठन जैसे प्रयास किसानों की ताकत बढ़ाएंगे। आने वाले समय में ब्लॉक लेवल तक वेयरहाउस की सुविधा देने का फैसला किया जाएगा। हर छोटे किसान के खर्च को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है। डेढ़ लाख करोड़ रुपए सीधे खातों में पहुंचाए गए हैं। हमारा लक्ष्य है- छोटा किसान बने देश की शान।'

मोदी ने कहा कि गांव में सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हमारी 8 करोड़ से अधिक बहनें एक से बढ़कर एक उत्पाद बनाती हैं। इनके उत्पादों को देश और विदेश में बड़ा बाजार मिले, इसके लिए अब सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तैयार करेगी। देश के सभी सैनिक स्कूलों को बेटियों के लिए खोल दिया जाएगा। देश के सैनिक स्कूलों में अब बेटियां भी पढ़ेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, '100 लाख करोड़ रुपए की गति शक्ति योजना युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लाने वाली है। यह देश की बुनियादी संरचना की नई नींव रखेगी। इससे यात्रा करने के समय में कमी आएगी। अमृत काल में गति की शक्ति भारत के कायाकल्प का आधार बनेगी। इसका नेशनल मास्टर प्लान हम आपके सामने लाएंगे।'

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