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नई दिल्ली
उत्तराखंड में हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थल केदारनाथ मंदिर और सिखों के पवित्र धर्म स्थान हेमकुंड साहिब की यात्रा अब बहुत ज्यादा आसान होने की उम्मीद है। सरकार ने इन जैसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों और टूरिस्ट के आकर्षण वाली कई जगहों पर रोपवे की सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। यह रोपवे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 8 जगहों पर विकसित किए जाने हैं। गौरतलब है कि आज की तारीख में भी दुनिया के विकसित देशों के मुकाबले भारत इस मामले में काफी पीछे है। लेकिन, अब केंद्र सरकार ने परिवहन मंत्रालय को ऐसी जगहों पर रोपवे विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
केदारनाथ तक रोपवे बनाने की तैयारी उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा में केदारनाथ मंदिर की यात्रा बहुत ही कठिन मानी जाती है और उसके लिए गौरीकुंड से पैदल चलकर जाना होता है। बुजुर्गों और चलने-फिरने में लाचार लोगों के लिए यह तीर्थ यात्रा बहुत ही कष्टदायक हो जाती है। वैसे चौपर सेवा भी उपलब्ध है, लेकिन वह बहुत ही सीमित है और बहुत ज्यादा खर्चीला भी। लेकिन, अब नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने फीज़बिलटी और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए बोलियां मंगवाई हैं। फिलहाल उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 8 रोपवे बनाने की तैयारी है, जिनमें महत्वपूर्ण तीर्थ स्थानों केअलावा टूरिस्ट स्पॉट भी शामिल हैं। एनएचएआई से इन दोनों पहाड़ी राज्यों में रोपवे विकसित करने के लिए कहा गया है।
हेमकुंड साहिब में मत्था टेकना भी होगा आसान जिन 8 जगहों पर रोपवे बनाए जाने हैं, उनमें पवित्र केदारनाथ मंदिर और हेमकुंड साहिब के अलावा नैनीताल में हनुमान मंदिर तक और चमोली में घनगरिया तक रोपवे विकसित किया जाएगा। इसे फूलों की घाटी का गेटवे भी कहते हैं, जो पर्यटकों का मुख्य आकर्षण केंद्र है। उधर हिमाचल में जिन जगहों की रोपवे के लिए पहचान की गई है, उनमें तारा देवी मंदिर, हाटू पीक, चुंजा ग्लेशियर और भरमाणी मंदिर शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश में कुल 42.5 किलोमीटर लंबी रोपव बनाई जाएगी, जबकि उत्तराखंड में इसकी कुल लंबाई 29 किलोमीटर होगी। परिवहन मंत्रालय को मिली है खास जिम्मेदारी बोली के लिए जो दस्तावज तैयार किए गए हैं, उसके मुताबिक कंसल्टेंट को प्रोजक्ट की सफलता के विभिन्न पहलुओं पर सुझाव देना है।
जैसे कि लोकेशन, मौजूदा और भविष्य में इसपर सवारी करने वाले यात्रियों की संख्या का अनुमान शामिल है। ये यात्रियों से लिए जाने वाले किराए पर भी सुझाव देंगे। हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और हाइवे मंत्री नितिन गडकरी ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर सरकारों से कहा था कि पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले रोपवे लिंक की संभावनाओं की तलाश करें। केंद्र सरकार ने परिवहन मंत्रालय को रोपवे, केबल कार, टॉय ट्रेन और बिजली पर चलने वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी सौंपी है।
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