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राहुल गांधी ने 9 साल की पीड़ित बच्ची के परिवार से की मुलाकात
- 9 वर्षीय दलित बच्ची का बलात्कार, हत्या और बिना परिवार की इजाजत के अंतिम संस्कार किया गया
- राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की
- अपराध की तुलना पिछले साल उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार से की गई
दिल्ली:
दिल्ली में 9 वर्षीय दलित बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार, हत्या और बिना परिवार की इजाजत के अंतिम संस्कार का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है, वहीं पुलिस का कहना है कि हम मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट दायर करेंगे, वहीं पीड़िता की मां का कहना है कि न्याय मिलने तक हम धरने पर रहेंगे।
बच्ची रविवार शाम 5.30 अपने पिता के कहने के बाद पास ही में बने शमशान घाट पर पानी लेने के लिए गई थी, जब 1 घंटे बाद भी वो नही लौटती तब बच्ची का परिवार उसे खोजने लगा। तभी शमशान में कार्यरत लोगों ने उसके परिवार से कहा कि आपकी बेटी करंट लगने से मर गई है और उन्होनें 6.30 बजे बिना परिवार के इजाज़त के उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा- "उनके माता-पिता के आंसू केवल एक ही बात कह रहे हैं - उनकी बेटी, इस देश की बेटी, न्याय की पात्र है। और मैं न्याय के इस रास्ते पर उनके साथ हूं।" राहुल गांधी ने मंगलवार को भी इस मुद्दे को उठाया था। उन्हें उसे "देश की बेटी" कहा था। उन्होंने कहा, 'मैंने परिवार से बात की... वे न्याय चाहते हैं और कुछ नहीं। वे कह रहे हैं कि उन्हें न्याय नहीं दिया जा रहा है और उनकी मदद की जानी चाहिए।" वही राहुल गांधी ने बच्ची के परिजनों से मुलाकात की है। राहुल गांधी ने बच्ची के परिजनों से मीटिंग के बाद कहा कि हम न्याय मिलने तक एक कदम भी पीछे नहीं हटेंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बच्ची के परिवार से मुलाकात की ओर उनकी मदद का ऐलान किया। उन्होनें कहा कि "मैंने जघन्य अपराध की शिकार हुई बच्ची के परिजनों से मुलाकात की है। उसके जाने की भरपाई नहीं की जा सकती है, लेकिन दिल्ली सरकार ने बच्ची के परिजनों को 10 लाख की राहत राशि देने का ऐलान किया है। इसके अलावा मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है। यही नहीं दिल्ली सरकार की ओर से टॉप वकीलों की नियुक्ति की जाएगी ताकि जल्दी से जल्दी अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जा सके।"
गौरतलब है इस अपराध की तुलना पिछले साल सितंबर में उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार से की गई है। महिला के शरीर का भी आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया - कथित तौर पर पुलिस ने उसके माता-पिता की सहमति के बिना काम किया और सुबह 2 बजे शव को ठिकाने लगा दिया। परिवार का न्याय की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को विभिन्न क्षेत्रों के लोग धरने में शामिल हुए। बच्ची के माता-पिता ने सैकड़ों स्थानीय लोगों के साथ मंगलवार को घटना स्थल के पास विरोध प्रदर्शन किया और आरोपी को मौत की सजा देने की मांग की।
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