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Monday, 23 August 2021

देश के सशक्तिकरण के लिए बहनों का सशक्तिकरण आवश्यक: मुख्यमंत्री

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भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि देश का सशक्तिकरण बहनों के सशक्तिकरण के बिना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री बनने के बाद लगातार मेरे प्रयास रहे हैं कि मैं माँ-बहन-बेटियों की जिंदगी में कैसे खुशियाँ लाऊँ। उनकी सुरक्षा, सम्मान एवं कल्याण के लिए प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में बहनों का शैक्षणिक, आर्थिक, राजनैतिक और सामाजिक सशक्तिकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश आत्म-निर्भर बहनों के बिना नहीं बन सकता है। प्रदेश में बहनों को आत्म-निर्भर बनाने विभिन्न योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। जल्दी ही महिला पंचायत बुलाई जायेगी, जिसमें बहनों से चर्चा के उपरांत लाड़ली लक्ष्मी जैसी अन्य योजनाएँ भी बनाई जाएंगी। मुख्यमंत्री चौहान ने सभी प्रदेशवासियों से अपील की कि वे रक्षाबंधन के पावन अवसर पर माँ-बहन-बेटियों के अधिकारों की रक्षा, उनके सम्मान, उनके कल्याण और उनके सशक्तिकरण का संकल्प लें। हम संकल्प लें कि उनके सपनों की उड़ान को पूरा करने के लिए उन्हें सभी अवसर दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश की सभी बहनों से कहा कि रक्षाबंधन पर जब वे अपने भाई को राखी बांधे तो उनसे पूछें कि उन्होंने कोरोना का टीका लगवाया कि नहीं। रक्षाबंधन के साथ कोरोना से सुरक्षा के बंधन के रूप में टीका अवश्य लगवाएँ। बहनें स्वयं भी टीका लगवाना न भूलें। प्रदेश में आगामी 25 एवं 26 अगस्त को टीकाकरण महाअभियान चलाया जाएगा, जिसमें 25 तारीख को पहला एवं दूसरा तथा 26 तारीख को दूसरा डोज लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने रक्षाबंधन के पावन अवसर पर प्रदेश की बहनों को संदेश दिया। उन्होंने सभी माता-बहनों तथा बेटियों के सुखी, स्वस्थ्य एवं समृद्ध जीवन के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। मुख्यमंत्री चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर राखी बांधने आई बहनों कु. कनक कुशवाह तथा शैली तिवारी से राखी बंधवाकर अपने दिन की शुरुआत की। उन्होंने अपने हाथ से बहनों को मिठाई खिलाई तथा शुभाशीष दिया।

पूजनीय हैं माँ- बहन-बेटियाँ
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारत में अनादिकाल से माँ-बहन–बेटियों का सम्मान है तथा वे हमारे लिए पूजनीय हैं। भारतीय परंपरा में कहा जाता है कि जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ ईश्वर का वास होता है।

भारतीय परंपराओं की वाहक
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहनें हमारी संस्कृति, जीवनमूल्य, व्रत, उत्सव, तीज-त्यौहार आदि परंपराओं की वाहक हैं। भारत की परिवार व्यवस्था पूरी दुनिया के लिए आश्चर्य का विषय है तथा इसकी धुरी हैं नारियाँ। प्रदेश में बेटियों के पूजन के साथ शासकीय कार्य प्रारंभ होता है। बेटियों का सम्मान एवं सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।

बहनों के कल्याण की अनेकों योजनाएँ
मुख्यमंत्री चौहान ने कह कि कहा मध्यप्रदेश में बहनों के कल्याण के लिए अनेकों योजनाएँ चल रही हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना में अब बहनों को कॉलेज में प्रवेश पर बीस हजार रुपये दिए जाएंगे। उनकी उच्च शिक्षा का पूरा प्रबंध किया जाएगा। बहनों को शिक्षा के लिए यूनिफार्म, साईकिल, पुस्तकें सब नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं। गाँव की बेटी योजना, प्रतिभा किरण योजना चल रही हैं। विदेश अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है। विवाह के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना है। प्रसूति सहायता योजना में बच्चे के जन्म से पहले 4 हजार एवं जन्म के बाद 12 हजार रुपये दिए जाते हैं।

वर्ष 2024 तक हर घर को नल से पानी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2024 तक न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी हर घर को नल से पेयजल दिया जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन प्रारंभ किया है।

महिलाओं के लिए एक प्रतिशत रजिस्ट्री शुल्क
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं द्वारा जमीन, मकान आदि की रजिस्ट्री कराये जाने पर उनसे एक प्रतिशत रजिस्ट्री शुल्क लिया जाता है। इससे बहनों के नाम पर संम्पत्तियों की गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10 प्रतिशत अधिक रजिस्ट्रियाँ हुई हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने लिए महिला स्व-सहायता समूहों को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

महिलाओं का राजनैतिक सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महिलाओं के राजनैतिक सशक्तिकरण के लिए स्थानीय निकाह चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। सरकारी नौकरियों में पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 प्रतिशत तथा शिक्षकों की भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा के लिए हर जिले में महिला पुलिस थाने स्थापित किए गए हैं। मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जहाँ महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने वालों को फाँसी की सजा का प्रावधान किया गया है। बेटियों के साथ डरा-धमकाकर अथवा धोखे से विवाह करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के लिए धार्मिक स्वातंत्र्य कानून बनाया गया है। गुमशुदा बेटियों को घर वापिस लाने के लिए मुस्कान अभियान चलाया जा रहा है।

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