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काबुल
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही देश की मीडिया का कलेवर पूरी तरह बदल गया है। सभी टीवी चैनल ने अब संगीत और इससे जुड़े मनोरंजक कार्यक्रम दिखाने बंद कर दिए हैं। टीवी पर संगीत की जगह अब धार्मिक कार्यक्रमों की गूंज है, जिसमें जिहादी बातें की जा रही हैं। इसके अलावा तालिबान नेताओं की तारीफ के पुल बांधे जा रहे हैं।
अफगान मीडिया ने हालात को भांपते हुए खुद को नए कायदे के अनुरूप ढालने में देरी नहीं की। यही वजह है कि छोटे पर्दे पर मजहब से जुड़ी खबरें प्रसारित की जा रही हैं।
दरअसल तालिबान ने सबसे पहले 2 अगस्त, 2021 को हेलमंड स्थित राष्ट्रीय रेडियो स्टेशन पर कब्जा किया था। इसके बाद तेजी से देश के अन्य टीवी चैनलों को भी अपने नियंत्रण में ले लिया और प्रसारण बंद कर दिए। इसके मद्देनजर चैनलों ने तालिबान की सोच के अनुरूप अपने प्रोग्राम बदल दिए। इसका असर फिल्म उद्योग समेत आम आदमी पर भी देखने को मिल रहा है। लोगों ने सोशल मीडिया अकाउंट से अपने-अपने फोटो डिलीट करने शुरू कर दिए हैं, ताकि उन्हें किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
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