Friday, 20 August 2021

नया ग्राम पंचायत बनने के एक साल के भीतर ही महेशपुर को मिला नवनिर्मित पंचायत भवन

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सरगुजा
प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के सशक्तिकरण के लिए लगातार काम हो रहे हैं। नवगठित ग्राम पंचायतें भी सुचारू रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें, इसके लिए सभी बुनियादी अधोसंरचनाएं उन्हें जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जा रही हैं। सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के नवगठित ग्राम पंचायत महेशपुर को अपने गठन के पहले ही साल में सर्वसुविधायुक्त नया पंचायत भवन मिल गया है। पहले मानपुर ग्राम पंचायत का हिस्सा रहा महेशपुर वर्ष-2020 में ही अलग ग्राम पंचायत के रूप में अस्तित्व में आया है। नई पंचायत के गठन के एक वर्ष के भीतर ही फरवरी-2021 से गांव के निर्वाचित जनप्रतिनिधि नवनिर्मित पंचायत भवन से अपने कार्य संपादित कर रहे हैं।

मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) से 14 लाख 42 हजार रूपए की लागत से इस नए पंचायत भवन का निर्माण किया गया है। इस सर्वसुविधायुक्त भवन में पंचायत स्तर के काम-काज निपटाने के लिए पृथक कक्षों का निर्माण किया गया है। यहां पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक पंचायत के रोजमर्रा के कार्यों को संपादित करने के साथ ही ग्रामवासियों की समस्याएं भी सुलझा रहे हैं। पंचायत भवन की जरूरतों के अनुरूप यहां सभा कक्ष, कार्यालय कक्ष एवं शौचालय खण्ड का निर्माण किया गया है।

महेशपुर के सरपंचकपिल देव पैंकरा बताते हैं कि नया पंचायत बनने के बाद गांव के सामुदायिक भवन में जैसे-तैसे उन लोगों ने पंचायत का काम शुरू किया था। व्यवस्थित ढंग से कार्य करने के लिए आवश्यक सुविधाओं वाले पंचायत भवन की जरूरत थी। मनरेगा से नए पंचायत भवन के निर्माण का रास्ता निकला। ग्राम पंचायत की पहल पर मनरेगा से नए पंचायत भवन के निर्माण के लिए 14 लाख 42 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली। पंचायत ने तत्काल जमीन का चिन्हांकन कर 25 जून 2020 को इसका निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया। गांव के 41 पुरूष और इतने ही महिला श्रमिकों ने तेजी से काम कर चार महीनों में ही निर्माण पूर्ण कर दिया। पंचायत भवन के निर्माण के दौरान 1578 मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ, जिसके लिए गांव के मनरेगा श्रमिकों को तीन लाख रूपए का मजदूरी भुगतान किया गया।

महेशपुर के सरपंच और पंचों ने ग्राम पंचायत के नए भवन में 1 फरवरी 2021 से विधिवत रूप से काम करना शुरू किया। भवन के सामने ग्रामसभा एवं अन्य आयोजनों के लिए पर्याप्त खुली जगह है। नए भवन में अब तक इस साल तीन ग्रामसभाएं भी हो चुकी हैं। महेशपुर में रहने वाली श्रीमती साधना दास कहती हैं कि जब महेशपुर आश्रित गांव था, तो ग्रामसभा के लिए दो किलोमीटर दूर मानपुर जाना पड़ता था। दूर होने के कारण महिलाएं अक्सर ग्रामसभा में शामिल नहीं हो पाती थीं। लेकिन अब महेशपुर में ही ग्राम पंचायत का भवन होने से काफी सहुलियत हो गई है। घर का काम निपटाकर महिलाएं भी बड़ी संख्या में ग्रामसभा में सम्मिलित होने लगी हैं।

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