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भोपाल
संस्कृति और आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि किशोर कुमार जी की कला और साधना को मेरा शत-शत नमन है। उनके जैसे हरफनमौला कलाकार सदियों में एक बार जन्म लेते हैं। श्री किशोर कुमार जी की जयंती पर उनके गीतों को याद कर संस्कृति विभाग ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने का प्रयास किया है। सुश्री ठाकुर प्रसिद्ध हरफनमौला कलाकार किशोर कुमार की स्मृति में संस्कृति विभाग द्वारा रविंद्र भवन में आयोजित ऑनलाइन संगीतमय कार्यक्रम "ये शाम मस्तानी" को संबोधित कर रही थी। सुश्री ठाकुर ने कहा कि गीत और संगीत परमात्मा का पर्याय है। संगीत की साधना और सिद्धि प्रभु कृपा से ही मिलती है।
सुश्री ठाकुर ने कहा कि मानव त्रासदी के दौर में संस्कृति विभाग ने हर चुनौती को स्वीकार करके सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है। भविष्य में भी कला पंचांग अनुसार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के हरसंभव प्रयास किये जाएंगे। सुश्री ठाकुर ने किशोर कुमार जी की गायन परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए गायक श्री रवि त्रिपाठी का उत्साहवर्धन भी किया।
'कहाँ तक ये मन को अंधेरे छलेंगे, उदासी भरे दिन कभीं तो ढलेंगे' गीत गाकर पार्श्व गायक श्री रवि त्रिपाठी और साथी कलाकारों ने कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम के दौरान श्री त्रिपाठी ने ओ हंसिनी, यह शाम मस्तानी, नीले नीले अंबर, दिलबर मेरे, मुसाफिर हूँ यारों, जय-जय शिव शंकर, खईके पान बनारस वाला और रंग बरसे जैसे मधुर गीतों से समां बांध दिया।
श्री रवि त्रिपाठी पार्श्व् गायन के साथ ही अच्छे संगीतकार और संगीत निर्देशक भी है। उन्होंने संगीत की शिक्षा भातखण्डे संगीत विश्वतविद्यालय से प्राप्त करने के बाद सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक एवं संगीतकार श्री सुरेश वाडकर से पार्श्व गायन की बारीकियाँ सीखी। वर्ष 2006 में इण्डियन आइडल के दूसरे सीजन में टॉप फाइनलिस्ट् में जगह बनाने के बाद श्री त्रिपाठी निरन्तर अनेकों संगीत रियलिटी शो में अपनी प्रस्तुतियॉं दे चुके हैं। चांदनी चौक टू चाइना से बॉलीवुड में फिल्मी कैरियर की शुरूआत करने वाले श्री त्रिपाठी के एलबम 'बातें' को भी संगीत प्रेमियों द्वारा काफी सराहना प्राप्त हुई है।
ऑनलाइन कार्यक्रम का लाइव प्रसारण संस्कृति विभाग के यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर किया गया। संचालक श्री अदिति कुमार त्रिपाठी सहित संस्कृति विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
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