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बिलासपुर
झीरम घाटी हत्याकांड में सुनवाई अब 15 सितंबर को होगी।केंद्र सरकार की तरफ
से मौजूद असिस्टेंट सॉलीसीटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट से समय मांगते
हुए कोर्ट को सूचित किया कि अब मामले की अगली सुनवाई में दिल्ली के एडिशनल
सॉलिसिटर विक्रमजीत बनर्जी बहस करेंगे। तर्क सुनने के बाद दरभा थाने में
दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने 15 सितंबर के लिए
सुनवाई की तारीख दी।
झीरम घाटी कांड में दिवंगत कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने जून 2020 में दरभा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। उदय की रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 302 और 120 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था। जितेंद्र ने एफआईआर में कहा है कि एनआईए ने इस घटना में राजनीतिक षड्यंत्र की जांच ही नहीं की है। उन्होंने झीरम मामले की जांच राज्य सरकार के अधीन जांच एजेंसी को सौंपने की मांग उठाई है। दरभा थाने में दर्ज इस रिपोर्ट को चुनौती देते हुए एनआईए ने अपनी विशेष अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। जिसके बाद इस फैसले के खिलाफ ऐनआईए ने हाईकोर्ट में आपराधिक अपील प्रस्तुत की है। इसमें कहा गया है कि एनआईऐ केंद्रीय स्तर की जांच एजेंसी है , जिसकी जांच हो चुकी है। ऐसे में राज्य शासन को अधिकार नहीं है कि फिर से उसी प्रकरण में अपराध दर्ज कराया जाए। वहीं इस एफआईआर मामले पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पिछले दिनों पुलिस द्वारा आपराधिक प्रकरण की जांच पर रोक लगाई हुई है। इधर इस मामले में जितेंद्र मुदलियार ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है। इसमें बताया है कि झीरम हमला सामान्य नक्सली घटना नहीं है बल्कि इसे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत अंजाम दिया गया है।
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