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रियाद
तालिबान के शासन के बाद इस्लामिक देश अफगानिस्तान में जहां महिलाओं के अधिकारों को खत्म कर दिया गया है। पढ़ने से लेकर उन्हें घर से बाहर निकलने तक में पाबंदियों को सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ इस्लामिक देश सउदी अरब ने महिला सशक्तिकरण की ऐसी मिशाल पेश की है, जिसने विश्व के सामने उसकी छवि को बदल कर ही रख दिया है।
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक महिला सशक्तिकरण की तरफ एक और कदम बढ़ाते हुए सउदी अरब की दो बड़ी मस्जिदों में करीब 600 प्रशिक्षित महिलाओं की तैनाती की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, अरब की इन दो पवित्र मस्जिदों में एजेंसियों के माध्यम से 600 महिलाओं की तैनाती की गई है। इसमें वूमेन डेवलपमेंट अफेयर्स एजेंसी में महिला विकास मामलों के उपाध्यक्ष अल-अनौद अल-अबौत के नेतृत्व में 310 महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दोनों मस्जिदों में तैनात महिलाओं में से करीब 200 महिलाएं वैज्ञानिक, बौद्धिक काम कर रही हैं। वहीं बाकी की महिलाएं प्रशासनिक व सेवा कार्यों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
इसी साल भी सउदी अरब की दो मस्जिदों, मक्का व मदीना में महिला सैनिकों की तैनाती की गई थी। खाकी वर्दी में तैनात महिलाएं इन मस्जिदों की सुरक्षा संभाल रही हैं। वहीं करीब 100 महिलाओं को काबा में आने वालों की सेवा के लिए तैनात किया गया था।
पिछले कुछ सालों मं सउदी अरब में कई क्षेत्रों में महिलाओं को प्रवेश मिला है। बता दें सउदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में विजन 2030 के तहत कई क्षेत्र महिलाओं के लिए खोले गए हैं। इससे पहले सउदी का रक्षा मंत्रालय भी घोषणा कर चुका है कि सेना में विभिन्न पदों के लिए महिलाएं भी आवेदन कर सकती हैं। पिछले साल दिसंबर में ही मस्जिद अल हर में करीब 1500 महिलाओं की तैनाती की गई थी।
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