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बिलासपुर
आरपीएफ का डाग स्क्वाड अब पहले से ज्यादा मजबूत हो गया है। तीन और नए श्वान
मिले हैं, जिन्हें बेंगलुरु से खरीदा गया है। प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त
एएन सिन्हा द्वारा तीनों का नामकरण भी किया गया। वे सीजर, ब्रूनो व चार्ली
नाम से पहचाने जाएंगे। तीन से पांच महीने के इन स्वानों को जल्द ही
नारकोटिक्स व एक्सप्लोसिव डिटेक्टर का प्रशिक्षण देने के लिए भेजा जाएगा।
हालांकि प्रशिक्षण कहां और कब से होगा इसे रेलवे बोर्ड तय करेगा।
ट्रेन हो या रेलवे स्टेशन दोनों संवेदनशील क्षेत्र में आते हैं। इसलिए यहां सुरक्षा बड़ी चुनौती है। इसके तहत ही समय-समय पर नए-नए पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं। आरपीएफ में बल सदस्यों के साथ बम निरोधक दल और डाग स्क्वाड भी है। वर्तमान में आरपीएफ के डाग स्क्वाड में केवल दो श्वान ही हैं। दोनों अभी ट्रैकर का प्रशिक्षण ले रहे हैं। जबकि यहां गांजा, अफीम, चरस के अलावा विस्फोटक चीजों को झट से पकड?े वाले श्वान की भी आवश्यकता थी। इसके लिए काफी दिनों से प्रयास भी किया जा रहा है। स्वीकृति मिलने के साथ ही बेंगलुरु से तीन नए श्वान खरीदकर उन्हें बिलासपुर लाया गया है। तीनों लेब्राडोर प्रजाति के हैं। बेंगलुरु से इन्हें इसलिए खरीदा गया है, क्योंकि वह बेहतर नस्ल के श्वान हैं और जिस उद्देश्य से खरीदने की योजना बनाई गई है वह पूरा होगा। हालांकि अभी इनकी उम्र तीन से पांच महीने की है। इस उम्र में तीनों बेहतर प्रशिक्षण ले सकते हैं।
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