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भोपाल
सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक अपनी योग्यता बढ़ाने वन स्टेप अप योजना बनाई गई है। इसमें यूजी में डेढ़ और पीजी में दो दर्जन शिक्षकों ने दाखिला लेकर अपनी डिग्री पूरी करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने 12वीं पास करीब 30 हजार शिक्षकों की सूची तैयार कर रखी है। 12 वीं तक पढ़े शिक्षक स्नातक एवं स्नातक वाले शिक्षकों को स्नातकोत्तर करने का एक मौका दिया जा रहा है, जिसका पूरा खर्च शासन देगा। इसके तहत स्नातक में डेढ दर्जन शिक्षकों ने आवेदन किये हैं। जबकि पीजी में प्रवेश लेने के लिए दो दर्जन शिक्षकों ने आवेदन किए हैं।
तीस हजार शिक्षकों के लिए ही यह योजना शुरू की गई है। डिग्रियों को उम्र का बंधन से मुक्त कर दिया गया है। वहीं कई शिक्षक सेवानिवृत्ति के नजदीक पहुंच गए हैं। इसके कारण वे अब अपनी पढ़ाई को लेकर ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। वन स्टेप अप योजना के तहत प्रवेश के समय अभ्यार्थी की आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं हो चाहिए। अनुसूचित जाति, जन जाति, पिछड़ा वर्ग व महिलाओं के लिए अधिकतम 47 वर्ष तय की गई थी। उनकी आयु 1 जुलाई 2015 को 45 वर्ष से अधिक व उनकी सेवाकाल की अवधि 15 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए।
यूजी में पांच और पीजी में सात शिक्षक प्रवेश ले चुके हैं। अब यूजी-पीजी में प्रवेश लेने के लिए शिक्षकों को दूसरे राउंड के बाद कालेज लेवल काउंसलिंग (सीएलसी) से प्रवेश मिलेगा। प्रवेशित शिक्षकों को अपनी कक्षाएं छोड़कर कालेजों में बैठकर डिग्री करने पर पूरा वेतन तक दिया जाएगा। इससे उनके परिवार का खर्च भी आसानी से चल सकेगा। मिडिल स्कूल में करीब 2 लाख और प्रायमरी स्कूल में करीब एक लाख शिक्षकों में से करीब 30 हजार शिक्षक 10वीं -12वीं पास हैं। इसका मुख्य कारण उस दौर में आठवीं कक्षा बोर्ड थी। यहां से पास होने के बाद उम्मीदवारों को शिक्षक की नियुक्ति मिल जाती थी। इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई आगे बढ़ाने में कोई रुची नहीं दिखाई।
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