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नई दिल्ली
हरतालिका तीज व्रत आज यानी 9 सितंबर, गुरुवार को है। हिंदू पंचांग के
अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर साल हरतालिका तीज
मनाया जाता है। इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु के लिए निराहार और
निर्जला उपवास रखती हैं। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की
जाती है। इस व्रत को सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्याएं भी रख
सकती हैं।
हरतालिका तीज व्रत पूजन सामग्री- सुहाग का पिटारा तैयार करने के लिए
सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, काजल। इसके अलावा तुलसी, केला का पत्ता, आंक
का फूल, मंजरी, शमी पत्र, जनैऊ, वस्त्र, फूल, अबीर, वस्त्र, फल, कुमकुम,
चंदन, घी-तेल, दीपक, नारियल, माता की चुनरी, लकड़ी का पाटा, पीला कपड़ा,
सुहाग पिटारा और तुलसी आदि।
दान करने के लिए सामग्री- हरतालिका तीज व्रत में सुहाग का सामान चढ़ाया जाता है। जिसमें बिछिया, पायल, कुमकुम, मेहंदी, सिंदूर, चूड़ी, माहौर, कलश, घी-तेल, दीपक, कंघी, कुमकुम और अबीर आदि शामिल है।
हरतालिका तीज व्रत नियम-
हरतालिका तीज व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। कई जगहों पर महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और श्रीगणेश की कच्ची मूर्ति से प्रतिमा बनाती हैं। ये व्रत निर्जला और निराहार रखा जाता है। इस व्रत में अन्न और जल ग्रहण करना मना होता है। व्रत का पारण अगले दिन यानी चतुर्थी तिथि में किया जाता है। व्रत रखने वाली महिलाओं को हरतालिका तीज व्रत कथा जरूर सुननी चाहिए
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