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नई दिल्ली
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद से ज्योतिरादित्य सिंधिया देश के हर कोने को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। अब वे देश के बाहर भी एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए पहल कर रहे हैं। फिक्की इण्डिया के साथ एक कार्यक्रम के दौरान सिंधिया ने इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल देशों (सीआईएस) के साथ एयर कनेक्टिविटी बढ़ने से ना सिर्फ व्यापार बढ़ेगा बल्कि रिश्तों में मजबूती आएगी।
केंद्रीय नागरिक उड्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि दुनिया के देशों के साथ भारत के व्यापारिक सह-संबंधों को बढ़ाने में राष्ट्रमंडल (सीआईएस) देशों के साथ एयर-कनेक्टिविटी बढ़ाना कारगर हो सकता है। फिक्की इण्डिया (Ficci India) के साथ वीसी के जरिए संवाद करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इन देशों के साथ हमारे लम्बे समय से ही सांस्कृतिक व आर्थिक रिश्ते रहे हैं। सिंधिया ने कहा यह सही समय है कि हम इन रिश्तों को और मजबूत बनाएं। इसके लिए हमें इन देशों से सभी संभव मार्गों के जरिये एयर कनेक्टिविटी बढ़ानी होगी। हम इसके लिए सहयोग, निवेश और निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सांस्कृतिक औऱ आर्थिक घनिष्ट संबंध
गौरतलब है कि भारत और राष्ट्रमंडल देशों के बीच लम्बे समय से ही सांस्कृतिक औऱ आर्थिक घनिष्ट संबंध रहे हैं। इन 53 देशों के बीच व्यापार करीब 10 खरब डालर रहने की उम्मीद थी, लेकिन कोरोना के कहर ने सब समाप्त कर दिया। भारत राष्ट्रमंडल का सबसे बड़ा सदस्य देश है और इसके बजट में चौथा सबसे अधिक योगदान करने वाला देश है। इसलिए इनके बीच व्यापार बढ़ाने के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी सबसे अधिक है।
व्यापार वृद्धि पर जोर
कोरोना की वजह से राष्ट्रमंडल देशों के बीच व्यापार में करीब 10.1 प्रतिशत गिरवाट आई और 345 मिलियन डॉलर घाटे का अनुमान लगाया गया। जबकि कोरोना के परिदृश्य में आने से पूर्व व्यापार में 21 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद जताई गई थी। कोरोना से पूर्व 2019 में भारत ने 323 बिलियन डॉलर (कुल निर्यात का 12.90 प्रतिशत) मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया था। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने इन देशों के साथ हमारे व्यापारिक संबंधों के महत्व को समझते हुए फिक्की के आयोजन में साफ किया कि हम जल्द ही इन देशों की भारत के साथ कोरोनाकाल में बंद हुई उड़ानों को पुनर्जीवित करने के साथ ही नई एयर-कनेक्टिविटी बढ़ाएंगे, ताकि वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सा और महत्व में वृद्धि की जा सके।
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