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ग्वालियर
प्रदेश में बिजली उपभाेक्ताओं काे 100 यूनिट से अधिक बिजली जलाने पर बिल की राशि सामान्य टैरिफ के हिसाब से वसूले जाने की तैयारी के विराेध के चलते सरकार पुरानी संबल याेजना लागू करने पर विचार कर रही है।
पुरानी संबल याेजना लागू हाेने पर आर्थिक रूप से कमजाेर यानि कि श्रमिक और मजदूरी कार्डधारी उपभाेक्ताओं काे खासी राहत मिलेगी। उन्हें 200 रुपए तक के ही बिल भुगतान करने हाेंगे, जबकि बाकी उपभाेक्ताओं काे बिल सामान्य टैरिफ के हिसाब से ही दिया जाएगा। दरअसल, अभी 100 यूनिट तक 100 रुपए और 101 यूनिट से 150 यूनिट तक 385 रुपए का बिल आता है, जिस पर 495 रुपए की सब्सिडी मिलती है। इसके बाद 151 यूनिट से सामान्य टैरिफ लगता है। प्रदेश सरकार इसी व्यवस्था को बदलकर 101 यूनिट से ही सामान्य टैरिफ के हिसाब से बिजली के बिल देना चाहती है। इसका लाेग विराेध कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर शहर में 2.72 लाख उपभोक्ताओं में से श्रमिक कार्ड धारी 43 हजार उपभोक्ता हैं। तोमर से इसके साथ ही नए परिवर्तन आैर इंदिरा गृह ज्योति योजना पर भी बात की।
वर्तमान में एक किसान के यदि 10 विद्युत कनेक्शन हैं तो उसे सभी 10 कनेक्शन पर सब्सिडी मिलती है। यह ठीक नहीं है। इसलिए जो नई व्यवस्था हम लेकर आ रहे हैं, उसमें एक किसान को एक विद्युत कनेक्शन पर ही सब्सिडी मिलेगी, शेष विद्युत कनेक्शन पर कोई सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
योजना का नाम बदलने की शुरूआत किसने की थी। इस योजना का नाम संबल योजना था। जिसे कमलनाथ की कांग्रेस सरकार ने बदलकर इंदिरा गृह ज्योति योजना कर दिया था। हम वापस मूल योजना पर ही तो लौट रहे हैं और अटलजी इस शहर, प्रदेश और देश का गौरव हैं, उनके नाम पर योजना का नाम रखने में किसी को क्या दिक्कत है?
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