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काबुल
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद प्रशासनिक ताना-बाना ध्वस्त हो
गया है। इसके साथ ही मानवीय और आर्थिक संकट के बादल भी मंडरा रहे हैं। भावी
सरकार और उसकी नीतियों को लेकर लोग सकते में हैं। वहीं, इन हालात में
तालिबान के सामने तमाम व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने बड़ी चुनौती है।
अफगानिस्तान से अमेरिकी और नॉटो के सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान जल्द नई सरकार का ऐलान करेगा। तालिबान ने कहा कि नई सरकार के गठन को लेकर नेताओं के साथ सहमति बन रही है। गवर्निंग काउंसिल के नेता के तौर पर हिब्तुल्लाह अखुंदजादा का नाम करीब-करीब तय है, जो कि तालिबान का सर्वोच्च नेता है। वहीं, सरकार टलाने की जिम्मेदारी मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के पास हो सकती है।
हालात सामान्य दिखाने की कोशिश में तालिबान
तालिबान के अधिकारियों ने कहा कि देश में सब कुछ सामान्य है। उन्होंने कहा
कि लोगों से अपील की जा रही है वे जल्द से जल्द काम पर लौटें। यह तालिबान
के उदार चेहरा को दर्शाता है।
वित्तीय संकट : देश की आर्थिक स्थिति दयनीय
बैंक के बाहर कतारें : बैंक और एटीएम के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें
देखने को मिल रही हैं। लोग एटीएम से ज्यादा से ज्यादा पैसा निकालना चाहते
हैं। देश में एटीएम से एक दिन में अधिकतम 200 डॉलर की निकासी कर सकते हैं।
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