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Thursday, 7 October 2021

फोर्ब्स की 2021 सूची में लगातार 14वें साल देश के सबसे बड़े अरबपति मुकेश अंबानी

फोर्ब्स की 2021 सूची में लगातार 14वें साल देश के सबसे बड़े अरबपति मुकेश अंबानी

 

नई दिल्ली

भारतीय अमीरों की फोर्ब्स की 2021 की लिस्ट में मुकेश अंबानी 2008 से लगातार 14वें साल नंबर वन भारतीय अरबपति बने हुए हैं। अंबानी अपनी संपत्ति में 4 अरब डॉलर जोड़े। फोर्ब्स के मुताबिक कोरोना महामारी के दूसरे वर्ष में, भारत के सबसे अमीरों ने अपनी संपत्ति में 50 प्रतिशत की वृद्धि की।  वहीं, गौतम अडानी अब 74.8 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं, अंबानी से केवल 17.9 बिलियन डॉलर पीछे हैं। जबकि सावित्री जिंदल 18 अरब डॉलर के साथ टॉप-10 में फिर से शामिल हो गई हैं। वहीं चार फार्मा कारोबार से जुड़े अरबपतियों की संपत्ति कम हुई है। भारत के 100 सबसे अमीरों की संपत्ति अब 775 अरब डॉलर है।

भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की कुल संपत्ति में वृद्धि का पांचवां हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर टाइकून गौतम अडानी से आया है, जो लगातार तीसरे साल नंबर 2 पर हैं। अडानी की संपत्ति में यह उछाल उनकी सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में तेजी की वजह से आई है। उनकी संपत्ति 25.2 अरब डॉलर से लगभग तीन गुना बढ़ाकर 74.8 अरब डॉलर पर पहुंच गई है।

वहीं सॉफ्टवेयर के दिग्गज एचसीएल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक शिव नाडर 31 अरब डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर हैं। उनकी संपत्ति में 10.6 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। रिटेलिंग सेक्टर के कारेाबारी राधाकिशन दमानी ने चौथे स्थान को बरकरार रखा है। उनकी कुल संपत्ति 15.4 बिलियन डॉलर से लगभग दोगुनी होकर 29.4 बिलियन हो गई है। फोर्ब्स एशिया के एशिया वेल्थ एडिटर और इंडिया एडिटर नाज़नीन करमाली ने कहा, “ वी-आकार की रिकवरी की उम्मीदों ने शेयर बाजार की रैली को हवा दी, जिसने भारत के सबसे धनी लोगों की किस्मत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। ”

इस साल की सूची में छह नए चेहरे

इस साल की लिस्ट में छह नए चेहरे हैं। इनमें से आधे तेजी से बढ़ते रसायन क्षेत्र से हैं। इनमें अशोक बूब (रैंक 93, 2.3 बिलियन डॉलर) शामिल हैं। दीपक नाइट्राइट के दीपक मेहता (रैंक 97,  2.05 बिलियन डॉलर) और अल्काइल एमाइन केमिकल्स के योगेश कोठारी (रैंक 100, 1.94 बिलियन डॉलर)। डॉ लाल पैथलैब्स के कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद लाल (रैंक 87,  2.55 बिलियन डॉलर) इस सूची में नए हैं।

देश के आईपीओ की भीड़ ने अपने मैक्रोटेक डेवलपर्स की अप्रैल सूची के बाद प्रापर्टी के दिग्गज और राजनेता मंगल प्रभात लोढ़ा (रैंक 42,  4.5 बिलियन डॉलर) व अस्पताल श्रृंखला अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज  के प्रताप रेड्डी (नंबर 88, 2.53 बिलियन डॉलर) भी इस लिस्ट में एंट्री मारी है। इस वर्ष की सूची बनाने के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि1.94 बिलियन डॉलर थी, जो पिछले वर्ष1.33 बिलियन डॉलर से अधिक थी।

Wednesday, 6 October 2021

क्रिप्टोकरेंसीज में फिर आई तेजी

क्रिप्टोकरेंसीज में फिर आई तेजी

 

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने इस हफ्ते फिर तेजी की राह पकड़ी है. मंगलवार को 50 हजार डॉलर के लेवल को पार करने के बाद आज यानी बुधवार को यह डिजिटल करेंसी 51 हजार डॉलर के पार हो गई है. इसके अलावा dogecoin और Ethereum में भी बढ़त का रुख है. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin आज 4 फीसदी की उछाल के साथ 51,355 डॉलर पर पहुंच गई. मंगलवार को इसने करीब चार हफ्ते के बाद 50 हजार डॉलर के लेवल को पार किया था.

कई एजेंसियों की खबरों के मुताबिक संस्थागत निवेशकों की रुचि बढ़ने की वजह से बिटकॉइन में फिर से तेजी का रुख आया है. इसी तरह दूसरी सबसे प्रमुखडिजिटल करेंसी ethereum की कीमत भी बुधवार को 3 फीसदी बढ़कर 3,500 डॉलर के करीब पहुंच गई. Cardano की कीमत करीब 2.22 डॉलर और dogecoin कीमत 0.24 डॉलर के आसपास है. गौरतलब है कि सितंबर का महीना क्रिप्टोकरेंसीज के लिए काफी खराब साबित हुआ है. लेकिन अक्टूबर के पहले हफ्ते में इनमें सुधार देखा गया.

इस साल अप्रैल मध्य में बिटकॉइन की कीमत 65,000 डॉलर के पार पहुंच गई थी. लेकिन सितंबर में  बिटकॉइन समेत सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसीज में भारी गिरावट आई. सितंबर के पहले हफ्ते में El Salvador में बिटक्वाइन के विरोध के बीच महज  24 घंटे में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में 17% तक की गिरावट आई और  बिटकॉइन का भाव 46,434 डॉलर पर पहुंच गया.  

चीन ने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगा दिया जिसकी वजह से इस ऐलान के बाद ही 24 सितंबर को बिटकॉइन की कीमत 4 फीदी से ज्यादा गिर गई और 42,378 डॉलर पर पहुंच गई. इसी तरह  दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी cryptocurrency ईथर (Ether) की कीमत में 8 फीसदी और एक्सआरपी (XRP) की कीमत में 7 फीसदी गिरावट आई

बुधवार की सुबह 9:30 बजे से Reliance Jio की सर्विस डाउन हो गई है

बुधवार की सुबह 9:30 बजे से Reliance Jio की सर्विस डाउन हो गई है

 

फेसबुक और वॉट्सऐप आउटेज के दो दिन बाद अब Reliance Jio की सर्विस डाउन हो गई है. माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर JioDown ट्रेंड कर रहा है. इसको लेकर इंटरनेट आउटेज ट्रैक करने वाली साइट DownDetector ने भी रिपोर्ट किया है.

साइट के अनुसार Jio इंटरनेट को लेकर आ रही दिक्कत अब तक 4,000 से ज्यादा रिपोर्ट्स आ चुकी है. DownDetector पर मौजूद डेटा के अनुसार ये दिक्कत बुधवार की सुबह 9:30 बजे से आ रही है. इसके एक घंटे के बाद ये दिक्कत अपनी पीक पर जाने लगी है.

DownDetector पर Jio को लेकर आ रही इशू में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है. ये इस बात की ओर इशारा करती है कि इसके कनेक्टिविटी में दिक्कत आ रही है. आधे रिपोर्ट्स में ये कहा गया है कि इसमें कनेक्टिविटी नहीं है.

रिपोर्ट के अनुसार ये दिक्कत जियो यूजर्स के साथ दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, इंदौर और रायपुर में आ रही है. इसको लेकर कंपनी ने फिलहाल कोई बयान जारी नहीं किया है. कंपनी का ट्विटर हैंडल यूजर्स को बता रहा है कि कनेक्टिविटी में दिक्कत आ रही है.

इसको लेकर यूजर्स ट्विटर पर भी शिकायत कर रहे हैं. ट्विटर पर JioDown ट्रेंड कर रहा है. इसको लेकर कई यूजर्स जियो के उस ट्वीट को भी कोट कर रहे हैं जब इसने फेसबुक आउटेज के दौरान कहा था ये इंटरनेट की दिक्कत नहीं है.

Monday, 4 October 2021

टेलीकॉम कंपनियों के लिए राहत की खबर, लागू हुआ ये नियम

टेलीकॉम कंपनियों के लिए राहत की खबर, लागू हुआ ये नियम

 


 नई दिल्ली 
बीते सितंबर महीने में सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को राहत देते हुए इंडस्ट्रीज से जुड़े कई नियमों में बदलाव किए। इसी में से एक नियम लाइसेंस शुल्क के विलंब से भुगतान पर ब्याज दर से जुड़ा था। संशोधित नियम अब लागू हो गया है। इसके लागू होने के साथ ही टेलीकॉम सेक्टर की उन कंपनियों को राहत मिलेगी, जो बकाया के बोझ तले दबी हैं। 

क्या है नया बदलाव: टेलीकॉम डिपार्टमेंट अब लाइसेंस शुल्क या किसी अन्य सांविधिक बकाये के भुगतान में देरी के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक साल की कोष की सीमांत लागत (एमसीएलआर) के ऊपर दो प्रतिशत का ब्याज लेगा। ब्याज का संयोजन सालाना आधार पर किया जाएगा। अभी तक दूरसंचार कंपनियों को एसबीआई के एक साल के एमसीएलआर के ऊपर चार प्रतिशत का ब्याज देना होता था। ब्याज का संयोजन मासिक आधार पर किया जाता था।

संशोधन में कहा गया है कि लाइसेंस शुल्क या किसी अन्य बकाया के भुगतान में देरी पर एसबीआई के एक साल के एमसीएलआर (वित्त वर्ष की शुरुआत से) के ऊपर दो प्रतिशत ब्याज लिया जाएगा।

Wednesday, 29 September 2021

ग्रेच्युटी के नियम बदले, कोई भी दावे नए नियम के अनुसार लागू होंगे, कितना और कैसे मिलेगा पेमेंट

ग्रेच्युटी के नियम बदले, कोई भी दावे नए नियम के अनुसार लागू होंगे, कितना और कैसे मिलेगा पेमेंट

 


 नई दिल्ली 
मोदी सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली के तहत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम, 2021 को अधिसूचित कर दिया है।  ग्रेच्युटी भुगतान का यह नियम केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होगा। इसमें केंद्र के लिए रक्षा सेवा और सिविल सेवा के पदों पर नियुक्त नागरिक सरकारी कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिनकी नियुक्ति 1 जनवरी, 2004 से या उसके बाद हुई है।

गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक, ग्रेच्युटी के लिए किए गए कोई भी दावे नए नियम के अनुसार लागू होंगे। इसके लिए यह देखा जाएगा कि क्या कोई सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहा है, या सेवानिवृत्त हो गया है। क्या उसे सेवामुक्त किया गया है, क्या उसे सेवा से सेवानिवृत्त होने की अनुमति दी गई है या उसकी मृत्यु हो गई है। कर्मचारी के साथ जो भी स्थिति हो, उसके अनुसार ग्रेच्युटी का दावा किया जाएगा। जिस तारीख को कोई सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है या सेवानिवृत्त होने वाला होता है या उसे सेवामुक्त किया जाता है या इस्तीफा देने के लिए अनुमोदित किया जाता है, उस दिन को कर्मचारी का अंतिम कार्य दिवस माना जाएगा। उसी के अनुसार ग्रेच्युटी की गणना की जाएगी। सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के दिन ग्रेच्युटी की गणना उस दिन को कार्य दिवस मानकर की जाएगी।
 
चीन की इकोनॉमी पर संकट गहराया, एवरग्रांड के बाद अब आई नई मुसीबत
सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी तभी दी जाएगी जब वह नौकरी के पांच साल पूरे कर लेगा। कर्मचारी को सेवानिवृत्ति की आयु में सेवानिवृत्त होना चाहिए। कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गया है या सेवानिवृत्ति की आयु से पहले सेवानिवृत्त होने वाला है। अगर केंद्र सरकार या राज्य सरकार की किसी कंपनी या निगम में सेवा या पद प्राप्त करने की अनुमति दी गई है।केंद्र या राज्य सरकार के किसी संस्थान में पद या सेवा प्राप्त हुई है, तो ऐसे सरकारी कर्मचारी ग्रेच्युटी के हकदार हैं।

पेमेंट की गणना

ऊपर बताए गए केस में कर्मचारी को उसके कुल मेहनताना के आधार पर दी जाएगी। नौकरी में पूरे किए गए 6 महीने के कुल मेहनताना का एक चौथाई हिस्सा ग्रेच्युटी का होगा। यह अधिकतम कुल मेहनताना का 161/2 गुना तक हो सकता है। यहां कुल मेहनताना का अर्थ है कि सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले या मृत्यु वाले दिन कितना बेसिक पेमेंट पा रहा था।अगर कर्मचारी डॉक्टर के पद पर तैनात था तो उसके बेसिक पेमेंट में नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस भी जोड़ा जाएगा।

शिवपुरी सहकारी बैंक में 80 करोड़ घोटाला,14 कर्मचारी निलंबित

शिवपुरी सहकारी बैंक में 80 करोड़ घोटाला,14 कर्मचारी निलंबित

 


 शिवपुरी

मध्यप्रदेश के शिवपुरी सहकारी बैंक में गड़बड़ी करने के मामले में बैंक के चार मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) समेत 14 कर्मचारियों को मंगलवार देर शाम निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि किसानों के नाम पर फर्जी ऋण और अमानतदारों की राशि में करोड़ों रुपए का गबन करने के मामले में सरकार ने जांच पूरी होने के बाद यह कार्रवाई की है। गबन करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की प्रॉपर्टी भी बैंक ने सीज कर दी है।

मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि सहकारी बैंक शिवपुरी में पूर्व में पदस्थ रहे मुख्य कार्यपालन अधिकारी एएस कुशवाह, डीके सागर, वायके सिंह और वर्तमान में पदस्थ्य लता कृष्णन को निलंबित किया गया है। घोटाला उजागर होते ही पूर्व में ही कोलारस शाखा के घोटाले के मास्टरमाइंड कैशियर राकेश पराशर, दो प्रबंधक सहित 3 पर FIR हो चुकी है। इसके बाद से फरारी के चलते तीनों पर दो-दो हजार का इनाम भी घोषित है। इसमें बैंक में चपरासी से कैशियर बना राकेश पाराशर मुख्य आरोपी है, जो फरार है।

शिवपुरी जिला सहकारी बैंक में गबन का मामला सामने आने पर सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने 13 सदस्यीय समिति बनाकर जांच कराई थी। इसमें गड़बड़ी के सभी पहलुओं और उससे जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका की जांच कराई गई थी। समिति ने एक माह में जांच करके प्रतिवेदन दिया। इसके आधार पर बैंक में 2006 से 2020 तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी पद पर रहे चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

जांच दल ने इन सभी अधिकारियों को कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही और उपेक्षापूर्ण कार्यप्रणाली से बैंक में गबन और घोटाला होने के लिए जिम्मेदार माना है। वहीं, शिवपुरी बैंक के प्रबंधक, लेखापाल और लिपिक संवर्ग के 10 कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। इसके आधार पर इन्हें भी निलंबित कर दिया है। सहकारिता मंत्री डॉ. भदौरिया ने बताया कि भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

इन समितियों का नहीं हुआ सालों से ऑडिट
कोलारस शााखा से जुडी जुकवासा पैक्स सोसायटी का साल 2010-11 से ऑडिट नहीं हुआ। मनपुरा पैक्स सोसायटी का 2010-11, पिछोर पैक्स सोसायटी का 2009-10, कमलापुर का 2015-16 से ऑडिट नहीं हुआ। खोड़ का भी 2009-10 से ऑडिट नहीं होने की बात सामने आ रही है। वहीं, करैरा की डबियाकला पैक्स सोसायटी का 2009-10 से ऑडिट नहीं कराया गया।

कोलारस में बेंहटा सोसायटी, राई का, कुलवारा का सालों से ऑडिट नहीं कराया। खास बात यह है कि सहकारिता विभाग शिवपुरी के अधिकारी ऑडिट नहीं होने के पीछे प्रबंधकों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं सोसायटी प्रबंधक ऑडिट कराने को तैयार नहीं है क्योंकि अगर ऑडिट हुई तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।